बालू घाट: अस्थाई पता बना निविदा रद होने का कारण   date:14-01-2015

जागरण संवाददाता, गया: औरंगाबाद एवं रोहतास जिले के बालू घाटों की बंदोबस्ती मंगलवार को नही हो सकी। अधिकारियों ने बोली लगाने वाले एजेंसी के अस्थाई पता को लेकर आपत्ति जताई। अधिकारी बंदोबस्ती के लिए डाक बोलने पहुंचे अभिकत्र्ताओं को अपने अस्थाई पता की जांच संबंधित जिले के पुलिस से कराने को कहा। साथ ही जांच के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने को कहा।

मगध प्रमंडल के आयुक्त आरके खंडेलवाल की अध्यक्षता में रोहतास एवं औरंगाबाद जिले के विभिन्न बालू घाटों की निलामी के लिए डाक प्रक्रिया प्रारंभ की गई। कुल पांच एजेंसी डाक बोलने के लिए निविदा पत्र की खरीद की थी। दोनों जिलों के लिए डाक बोलने की न्यूनतम सरकारी राशि 112 करोड़ रुपया एक वर्ष के लिए निर्धारित था। रोहतास एवं औरंगाबाद के जिलाधिकारी, मगध प्रमंडल के उप निदेशक खनन, जिला खनन पदाधिकारी औरंगाबाद-रोहतास सहित कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी डाक प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए उपस्थित थे।

पांच एजेंसी के प्रतिनिधियों ने बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए निविदा पत्र ले रखा था। इनमें ब्राडसन कामोडिटी प्रा.लि., वंशीधर कंपनी, चैम्पियन कंपनी, एसजी प्रोडक्टस कंपनी एवं शालीमार कंपनी के प्रतिनिधि डाक बोलने के लिए आयुक्त के सभा कक्ष में उपस्थित थे।

प्रक्रिया की शुरुआत कागजात की जांच से प्रारंभ हुई। वित्तिय कागजात सही पाए गए। बैंक ड्राफ्ट एवं अन्य कागजात की जांच की गई। कई बैंक से संबंधित बीड के लिए निर्धारित न्यूनतम राशि का बैंक ड्राफ्ट आवेदनों के साथ संलग्न पाया गया। स्थाई पता का सत्यापन संबंधित जिले की पुलिस के द्वारा की गई थी। लेकिन पेंच अस्थाई पता को लेकर फंसा। अधिकारियों का कहना था कि अस्थाई पता की पुलिस जांच के बाद ही संबंधित एजेंसी के प्रतिनिधि बीड प्रक्रिया में शामिल हो सकते है। देर शाम तक अस्थाई पता की पुलिस जांच को लेकर अधिकारियों के साथ डाक बोलने पहुंचे प्रतिनिधियों के बीच नोक झोक होती रही। लेकिन अंत में अस्थाई पता की पुलिस जांच न होने के आधार पर निविदा को रद्द करने की घोषणा आधिकारिक रूप से कर दी गई। साथ ही 19 जनवरी को निविदा आमंत्रित करने की अगली तारीख घोषित की गई।

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सरकारी राजस्व की हो रही क्षति

गया: अस्थाई पता को लेकर निविदा रद्द करने की अधिकृत घोषणा पर दो एजेंसी के प्रतिनिधियों ने उप निदेशक खनन, मगध प्रमंडल से कहा कि अधिकारी नही चाहते है कि सरकारी राजस्व को बढ़ावा मिले। उक्त प्रतिनिधियों का कहना था कि दो दिनों में पुलिस मुख्यालय का नीतिगत निर्णय में बदलाव संभव नही है। यह पूरी तरह से प्रशासन-पुलिस के बीच का मामला है। जिसका नुकसान सरकारी राजस्व को हो रहा है।

 

2015 BALU GHAT SUCHNA

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बालू घाट को ले नहीं मिल रहे ठेकेदार 

जागरण संवाददाता, गया : गया के विभिन्न नदियों से बालू उठाव के लिए कोई ठेकेदार या एजेंसी डाक बोलने के लिए सामने नही आ रहा। राज्य सरकार द्वारा तीन बार बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए निविदा आमंत्रित की गई। लेकिन कोई डाक के लिए बोली लगाने के लिए 'टर्नअप' नहीं हुआ। सरकार ने चौथी बार 13 जनवरी की तिथि बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए घोषित करते हुए निविदा आंमत्रित की है।

चैम्पियन कंपनी ने पूर्व में 44 करोड़ रुपया पर बालू उठाव के लिए डाक की बोली लगाई थी। लेकिन कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। खनन क्षेत्र से जुड़े कई व्यवसायियों का दावा है कि करीब 22 करोड़ रुपया का नुकसान कंपनी को हुआ। कारण यह रहा कि अवैध तरीके से गया के कई बालू घाटों से भारी मात्रा में बालू उठाव पुलिस संरक्षण प्राप्त माफिया के द्वारा होता रहा। जिससे सरकारी डाक प्राप्त करने वाले एजेंसी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

सरकार ने डाक की प्राथमिक बोली के लिए पूर्व से तय राशि को घटाकर 26 करोड़ रुपया कर दिया है। चौथी बार 13 जनवरी को बोली बोलने के लिए कौन आगे आता है? इस प्रश्न का उत्तर डाक की बोली के लिए निर्धारित तिथि 13 जनवरी को स्पष्ट हो पाएगा।

गया व सोन के बालू घाट को ले टेंडर आज

जागरण संवाददाता, गया: गया जिले के विभिन्न बालू घाट के लिए इच्छुक सभी 12 एजेंसी के कागजात की जांच सोमवार को खनन व प्रशासनिक अधिकारियों ने की। वहीं, सोन नदी से बालू उठाव के लिए 4 एजेंसी के कागजात की जांच के बाद मंगलवार को निविदा पत्र एजेसी के द्वारा समर्पित की जाएगी।

सहायक निदेशक सह वरीय उप समार्हता निशांत कुमार ने बताया कि गया जिले के बालू घाट के लिए न्यूनतम डाक की बोली 15.41 करोड़ रूपया निर्धारित की गई है। दस प्रतिशत यानि 1.54 करोड़ रूपया जमानत राशि तय है। उन्होंने कहा कि कुल 12 पार्टी ने जमानत राशि जमा कर बालू घाट की बंदोबस्ती के लिए बीड पेपर प्राप्त की है। एजेंसी मंगलवार को टेंडर पेपर समर्पित करेगी।

औरंगाबाद एवं रोहतास जिले के सोन नदी के बालू घाटो की बंदोबस्ती के लिए मंगलवार को चार एजेंसी टेंडर डालेगी। बंदोबस्ती के लिए बोली 110.96 करोड़ रूपया से शुरू होगी।

बालू घाट की नीलामी को ले लेकर जुटे बाहुबली

जागरण प्रतिनिधि, गया: रोहतास व औरंगाबाद जिले के लिए बालू घाट की नीलामी को लेकर गुरुवार दोपहर बाद प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। जद यू के बाहुबली विधान पार्षद हुलास पांडे व पूर्व मंत्री ददन पहलवान के पहुंचते ही स्थिति तनावपूर्ण हो गई। नेताओं के साथ कई हथियारबंद समर्थक आयुक्त कार्यालय परिसर में नजर आए। तनावपूर्ण माहौल की सूचना मिलते ही सदर एसडीओ परितोष कुमार व टाउन डीएसपी राकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिसकर्मी आयुक्त कार्यालय पहुंचे।

पुलिस ने वाहनों की जांच शुरु की। चार राइफल व कई रांउड गोली पुलिस को मिली। सभी हथियार को सिविल लाइंस थाने में जमा करा दिया गया। वहीं एक नेताजी के साथ रहे दो हथियारबंद समर्थक चारदिवारी से कूदकर फरार होने में सफल हो गए।

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न्यूनतम बोली करीब 20 करोड़

गया: रोहतास व औरंगाबा

द जिले के बालू घाट के निविदा के लिए न्यूनतम डाक की बोली 19 करोड़ 92 लाख 19 हजार रुपया निर्धारित है। जबकि पिछले साल 16 करोड़ 07 लाख रुपये में डाक की अंतिम बोली लगी थी।

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गया: सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार लाए थे: ददन पहलवान

पूर्व मंत्री ददन पहलवान का कहना था कि वे अपनी सुरक्षा के लिए दो लाइसेंसी हथियार लेकर आए हैं। एक स्वयं उनके नाम से तथा दूसरा उनके पुत्र के नाम हथियार का लाइसेंस है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार एक तरफा बोली बोलकर डाक जबरन ले लिया गया था। इस बार गया पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था कर किसी को मनमानी करने का मौका नही दिया। उन्होंने इसके लिए प्रशासन को धन्यवाद दिया।

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मेरे साथ कोई हथियारबंद नही : पांडे

गया: जद यू के बाहुबली पार्षद हुलास पांडे ने इस बात से इन्कार किया कि उनके साथ कोई हथियारबंद समर्थक बालू घाट की नीलामी को लेकर आयुक्त कार्यालय परिसर में आया है। उन्होंने कहा कि उन्हे सरकारी अंगरक्षक प्राप्त है। ऐसे में अलग से सुरक्षा के लिए हथियारबंद को लाने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि पूर्व में 16 करोड़ 07 लाख रुपया में टेंडर हुआ था। गुरुवार को तकनीकि जांच कागजात व अन्य वित्तिाय कागजात की होनी है। शनिवार को डाक के लिए बोली होनी है।

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ऐसी ही व्यवस्था रहनी चाहिए

गया: पूर्व मंत्री ददन पहलवान ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शनिवार को दो जिलो के लिए होने वाली डाक के लिए सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। जैसा कि गुरुवार को देखने को मिली।

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